WHO के अनुसार हवा में फ़ैल सकते है कोरोना वायरस जाने कैसे फैलते है हवा में।

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WHO के अनुसार हवा में फ़ैल सकते है कोरोना वायरस जाने कैसे फैलते है हवा में।



डब्लूएचओ ने कहा है कि कोरोनावायरस का हवा में होना कुछ खास परिस्थितियों और शर्तों में ही हो सकता है।

कुछ दिनों पहले लगभग 32 देशों के 239 साइंटिस्ट्स ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को कहा था कि कोरोनावायरस हवा से भी फैल सकता है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने डब्लूएचओ से नई सुरक्षा गाइडलाइंस जारी करने की भी मांग की थी। बाद में डब्लूएचओ (WHO) ने भी इस संभावना को स्वीकार किया कि घातक कोरोनावायरस हवा में फैल सकता है। अब एक ताजा जानकारी के अनुसार, डब्लूएचओ ने कहा है कि कोरोनावायरस का हवा में होना कुछ खास परिस्थितियों और शर्तों में ही हो सकता है।


ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने एक ओपेन लेटर में कुछ शोध का हवाला देते हुए लिखा था कि सासं छोड़ने, खांसने या फिर बात करने के दौरान वायरस हवा में फलते हैं। इस ओपेन लेटर को एक जर्नल में भी प्रकाशित किया गया। हालांकि, डब्लूएचओ इस बात को काफी समय तक खारिज करता आया था और लगातार यही कह रहा था कि यह घातक वायरस कुछ चिकित्सा प्रक्रियाओं को छोड़कर हवा में फैलता है।


डब्लूएचओ ने कहा घर के अंदर हवा में फैलता है कोरोना


WHO ने इससे पहले बयान दिया था कि मरीजों को जब पहली बार ऑक्सीजन मशीन पर इलाज के दौरान रखते हैं, तो काफी हद तक कोरोनावायरस के हवा में फैलने का खतरा रहता है, लेकिन इस स्वास्थ्य संगठन ने भी मान लिया है कि वायरस हवा में भी फैल सकता है। साथ ही इसने यह भी कहा है कि इसका खतरा तब अधिक होता है, जब कोई व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित मरीज के साथ घर के अंदर बंद खिड़की-दरवाजों  में रहता है।


संगठन ने यह भी कहा है कि रेस्तरां और फिटनेस क्लास के दौरान कोरोना के प्रकोप का मूल्यांकन करने वाली एक शोध में पता चला है कि यह खतरनाक वायरस हवा में भी फैला होगा। ऐसी परिस्थिति इंडोर यानी घर के अंदर पर्याप्त हवा के आने-जाने की कमी के बीच संक्रमित व्यक्तियों के साथ अधिक समय तक रहने से हो सकता है। वायरस तब भी फैल सकता है, जब कोई स्वस्थ व्यक्ति वायरस वाली जगहों पर जाता है।

खांसने-छीकने से भी फैलता है वायरस


हालांकि, अधिकतर मामलों में यह पाया गया है कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने, खांसने और छींकते समय सुरक्षा उपायों को ना अपनाने से भी लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा, वो लोग भी इस वायरस को फैलाने में सक्षम हैं, जिनमें कई दिनों तक कोई लक्षण ही नजर नहीं आते। फिलहाल, कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में 239 शोधकर्ताओं ने डब्ल्यूएचओ से कोरोनावायरस के खिलाफ और सख्त सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने की अपील की है।

डब्लूएचओ द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइंस 


WHO के नए दिशा निर्देश बताते हैं कि लोगों को भीड़ से बचना चाहिए।

घर से जब भी बाहर निकलें मास्क जरूर पहनें। खासकर, उन जगहों पर जहां भीड़-भाड़ अधिक हो, मास्क पहनें ताकि रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से बचाव हो सके।

सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा, घरों के अंदर वेंटिलेशन को सुनिश्चित करें। घर के अंदर का वातावरण स्वच्छ हो।

होम क्वारंटाइन में कोई कोरोना मरीज है, तो भी सभी को मास्क पहनकर ही उसके पास जाना चाहिए।

तीन फीट की शारीरिक दूर बनाए रखें। 20 सेकेंड तक हाथों को साबुन से जरूर साफ करें।

डब्लूएचओ ने ये भी कहा है कि जितनी जल्दी कोरोना संक्रमितों को पहचानकर उनका टेस्ट और आइसोलेट किया जाए, तो कोरोना के प्रसार को काफी हद तक रोका जा सकता है।
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