हमारे शरीर के बारे में जानने से हमे बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने में मदद मिल सकती है। हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण सिस्टम है - प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम जो हमे बीमारीयों से बचाए रखती है। यहा प्रतिरक्षा प्रणाली क्या है और हम इसे कैसे बढ़ा सकते है इस की संक्षिप्त में जानकारी दी गई है।
प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System ) क्या है?
हमारे शरीर में एक ऎसा तंत्र है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में हमे बचाए रखने के लिए बनाया गया है। बाहर से शरीर में आनेवाले रोगजनकों से शरीर की रक्षा कर उन से होनेवाले बीमारियों और संक्रमणों से हमे बचाने का काम एक खास रक्षा तंत्र करता है। उस रक्षा प्रणाली को इम्यून सिस्टम या प्रतिरक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
यह प्रतिरक्षा प्रणाली, डब्ल्यूबीसी, न्यूट्रोफिल, ईोसिनोफिल, बेसोफिल, मैक्रोफेज, आदि जैसे विभिन्न सेलुलर और अकोशिकीय तत्वों से बनी है। इसमें प्लीहा (तिल्ली), थाइमस, अस्थि मज्जा (bone marrow) के साथ-साथ लसीका प्रणाली और विभिन्न एंटीबॉडी जैसे विभिन्न अंग शामिल है।
प्रतिरक्षा प्रणाली के (Immune System ) प्रकार क्या हैं?
प्रतिरक्षा प्रणाली को तीन प्रमुख भागों में वर्गीकृत किया गया है। इम्युनिटी का मानव शरीर में प्रतिक्रिया और उत्पत्ति के आधार पर अध्ययन किया जाता है। आइए उनकी संक्षिप्त में चर्चा करते है।
1. जन्मजात प्रतिरक्षा Innate Immunity:
यह प्राकृतिक प्रतिरक्षा है जो जन्म के साथ ही शरीर में खास कर त्वचा, नाक में मौजूद होती है और सुरक्षा की पहली परत के रूप में कार्य करती है। यह खुद के शरीर की पेशिया और बाहरी घटकों के बीच अंतर करने के सिद्धांत पर काम करती है। बाहरी रोगजनकों से लड़ने के लिए यह एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है। कोलोस्ट्रम, यानी मां के दूध में मौजूद IgA एंटीबाडीज, जन्मजात प्रतिरक्षा का एक बेहतरीन उदाहरण है।
2. अनुकूली प्रतिरक्षा Adaptive Immunity:
यह शरीरद्वारा जीवनकाल के दौरान विभिन्न रोगजनकों और बीमारियों के संपर्क में आने के बाद या टीकाकरण (vaccins) के उपयोग से विकसित होती है। जब हम संक्रमण के शिकार होते है या किसी रोगजनक के संपर्क में आते है, तो हमारा शरीर उसके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार होता है।
3. निष्क्रिय प्रतिरक्षा Passive Immunity:
अक्सर किसी भी बड़े संकट की तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में निष्क्रिय प्रतिरक्षा काम करती है। इस में, शरीर में पहले से निर्मित एंटीबॉडीज को बाहर से प्रवेशित किया जाता है है क्योंकि शरीर में इन के निर्माण के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है। इसका उपयोग अक्सर सर्पदंश जैसे इमरजेंसी मामलों के लिए किया जाता है।
इम्यून सिस्टम (Immune System ) कैसे काम करता है?
जब शरीर एक रोगज़नक़ यानी बैक्टीरिया, वायरस या यहां तक कि एलर्जी के संपर्क में आता है, जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, तो हमारा शरीर तुरंत इस से लड़ना शुरू कर देता है। इस में अक्सर कुछ विशिष्ट लक्षण दिखाई देते है जो यह पहचानने में मदद करते है कि हमारा शरीर उपचार कर रहा है।
उदाहरण के लिए, सामान्य शरीर के तापमान में वृद्धि या बुखार एक संकेत है कि शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। यहां तक कि इन्फेक्शन्स में दिखाई देनेवाला लालिमा भी एक संकेत है कि शरीर उच्च ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ उस क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में वृद्धि के साथ खुद को ठीक करने की दिशा में काम कर रहा है। हमारा शरीर लगभग सभी प्रकार के संक्रमणों और विकारों से उबरने में काफी हद तक सक्षम है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने स्वास्थ्य की बेहतर सुरक्षा के लिए उचित जीवन शैलीअपनाकर इसकी मदद करे।