फिश आयल के 10 सबसे महत्वपूर्ण फायदे हैं। Top 10 fish oil ke fayde Hain
1. ब्लड प्रेशर
मछली का तेल निम्न रक्तचाप के लिए जाना जाता है। यह हम सब जानते हैं। डायलिसिस पर 90 लोगों के एक अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन 3 ग्राम ओमेगा- 3 फैटी एसिड लेने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों रक्तचाप में कमी आती है। इसी तरह, 31 अध्ययनों के विश्लेषण से निष्कर्ष निकाला गया कि, मछली का तेल प्रभावी रूप से उच्च रक्तचाप या हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को देना सही रहता है। क्योंकि यह उनके रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल लेवल्स को कम कर सकता है।
एक ओर जहां यह प्रभाव निश्चित रूप से हाई बीपी वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, वहीं दूसरी ओर, यह उन लोगों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनका ब्लड प्रेशर, पहले से ही कम रहता हो। फिश ऑयल या मछली का तेल, रक्तचाप को कम करने वाली दवाओं के साथ इंटरैक्ट भी कर सकता है। इसलिए यदि आपका हाई बीपी High BP का इलाज चल रहा है या आप उसकी दवाइयां ले रहे हैं, तो फिश ऑयल के सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
2. ओमेगा-3 बच्चों में ध्यान और सक्रियता बढ़ा सकते हैं
बच्चों में कई बार व्यवहार संबंधी विकार देखे जा सकते हैं, जैसे- ध्यान न लगना या हाइपरएक्टिविटी यानी अत्यधिक सक्रियता। इसके उपचार में मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, ईपीए और डीएचए को सहायक माना जा सकता है। हालांकि इस बात लेकर अभी अध्ययन की आवश्यकता है।
3. तनाव दूर
2030 आते-आते, तनाव यानी डिप्रेशन, लोगों में बीमारी का दूसरा सबसे बड़ा कारण बनने की उम्मीद है। लेकिन इसमें खास बात क्या है? आप पूछेंगी। तो मैं बता दूूं- कि मेजर डिप्रेशन के शिकार लोगों में ओमेगा-3 ब्लड लेवल की कमी देखी गई है।
अध्ययन से पता चलता है कि, फिश ऑयल और ओमेगा-3 सप्लीमेंट (Fish oil Capsules) अवसाद के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। इतना ही नहीं, कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि, EPA की अधिकता वाले तेल डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में DHA से कहीं अधिक कारगर थे।
संक्षेप में- फिश ऑयल सप्लीमेंटस- विशेषतः जिसमें ईपीए की अधिकता हो, डिप्रेशन या अवसाद के लक्षणों को सुधारने में सहायक है।
4. घुटने का दर्द
जिन लोंगो को घुटने की समस्या है, यानी की अर्थराइटिस आदि उसमें यह मछली का तेल बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन मछली का तेल बिल्कुल प्योर तथा सिंथटिक रहित होना चाहिए। अध्ययन के मुताबिक, मछली के तेल(Fish Oil Ke Fayde) में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण व ओमेगा-3 ईपीए जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है। इसलिए, इसका इस्तेमाल गठिया का दर्द दूर करने के लिए इस्तेमाल होने वाली एंटीइंफ्लेमेटरी ड्रग की जगह किया जा सकता है। मछली का तेल हमारे शरीर से इंटरल्यूकिन-1 यानी IL-1 (साइटाकिन्स यानी प्रोटीन का समुह) को भी कम करता है, जिसकी वजह से गठिया व जोड़ों से संबंधित परेशानी पैदा होती है
5. आंखों की रोशनी
फिश ऑयल के सेवन से आंखों की मासपेशियां मजबूत होती हैं और आंखों की रोशनी भी तेज हो जाती है।
6. वजन कम होना
अगर आप फिश ऑयल के साथ-साथ रोजाना व्यायाम करेंगे और अपने आहार में बदलाव लाएंगे, तो आपका वजन जरुर कम होगा। फिश ऑयल शरीर में जमी हुई चर्बी को घटा देती है।
7. नेचुरल ग्लो
फिश ऑयल कैप्सूल (Fish oil capsule benefits) में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड स्किन को नेचुरल ग्लो देता है। असल में इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा में रक्त संचार को सामान्य करते हैं। जिससे त्वचा में नेचुरल निखार आने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ अकसर त्वचा खुश्क और रूखी होने लगती है। यह त्वचा का नेचुरल ऑयल बनाए रखता है। जिससे त्वचा भीतर से हेल्दी होती है।
8. हेयर ग्रोथ
बालों के झड़ने का सबसे बड़ा कारण उनका टूटकर गिरना होता है। इसकी वजह बालों की जड़ों से नेचुरल ऑयल का कम हो जाना है। फिश ऑयल कैप्सूल के सेवन से बालों की ग्रोथ भी अच्छी होने लगती है। यह बालों को जड़ों से मजबूत बनाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड बालों की सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है। इससे उनका नेचुरल शेड बना रहता है और वे चमकदार व मजबूत भी होते हैं।
9. प्रजनन क्षमता में सुधार
मछली के तेल(Fish Oil Ke Fayde) का सेवन प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकता है। दरअसल, ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शुक्राणु कोशिकाओं (स्पर्म सेल्स) को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे पुरुष प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है (1)। महिलाओं की प्रजनन शक्ति को भी बेहतर बनाने में फिश ऑयल सहायक माना जाता है, हालांकि, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
10. प्रेग्नेंसी की जटिलताओं को कम करे
मछली का तेल गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं को कम करके आपको और आपके गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ बनाने का काम कर सकता है। जैसी कि हमने ऊपर आपको बताया है कि मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसमें डोकोसाहेकोएनिक एसिड (डीएचए) होता है, जो भ्रूण के समग्र विकास में मदद करता है। इससे समय पूर्व प्रसव होने के खतरे से भी बचा जा सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.