बीए.2 से 10 गुना ज्यादा संक्रामक है Corona virus XE Variant, WHO ने दी चेतावनी

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 डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, एक्सई वेरिएंट ओमीक्रोन के बीए.2 सब-वेरिएंट की तुलना में लगभग दस प्रतिशत अधिक संक्रामक नजर आ रहा है। यह चिंता वाली बात हो सकती है क्योंकि अब तक बीए.2 सब-वेरिएंट ही कोरोना का सबसे

 
कोरोना के मामलों में पिछले कई हफ्तों से देखी जा रही राहत के बीच बुधवार को देश में ओमिक्रोन के ‘एक्सई’ सब-वेरिएंट का पहला केस सामने आया। शहर में बुधवार को इस नए वेरिएंट का एक मरीज पाया गया, वहीं कप्पा वेरिएंट से संक्रमित मरीज की भी पहचान हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 376 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान अत्यधिक संक्रामक इन दोनों वेरिएंट के मामले सामने आए। नए स्ट्रेन से संक्रमित दोनों मरीजों की हालत गंभीर नहीं पाई गई है। जिन लोगों से लिए गए नमूनों का परीक्षण किया गया, उनमें से 230 मुंबई के निवासी ही हैं। 230 में से 228 नमूनों में ओमीक्रोन वेरिएंट पाया गया। जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में परीक्षण का यह 11वां बैच था।

बीए.2 से 10 गुना ज्यादा संक्रामक

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, एक्सई वेरिएंट ओमीक्रोन के बीए.2 सब-वेरिएंट की तुलना में लगभग दस प्रतिशत अधिक संक्रामक नजर आ रहा है। यह चिंता वाली बात हो सकती है क्योंकि अब तक बीए.2 सब-वेरिएंट ही कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक स्ट्रेन माना जाता था।  

बीए.1 और बीए.2 का हायब्रिड है एक्सई

नया म्यूटेंट वेरिएंट एक्सई ओमीक्रोन के दो वेरिएंट बीए.1 और बीए.2 का हायब्रिड है। हालांकि, दुनियाभर में एक्सई कोरोना मामलों की एक छोटी संख्या के लिए ही जिम्मेदार है। वहीं, मौजूदा समय में बीए.2 ही सबसे बड़ी संख्या में दुनियाभर के विभिन्न देशों में फैल रहा है।

सबसे पहले ब्रिटेन में मिला

एक्सई का दुनिया में सबसे पहला मामला ब्रिटेन में 19 जनवरी को सामने आया था। ब्रिटेन में एक्सई के तब से अब तक 600 से भी कम मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा,  एक्सई को लेकर अभी ज्यादा शोध नहीं हुए हैं। जब तक इसकी अन्य वेरिएंट से तुलना कर इससे होने वाले संभावित खतरों का पता नहीं लगाया जाता तब तक इसे ओमिक्रोन के वेरिएंट के रूप में ही वर्गीकृत किया जाना जारी रहेगा।  

एक्सडी और एक्सएफ भी

दुनियाभर में कोरोना के दो नए अन्य वेरिएंट एक्सडी और एक्सएफ के मामले भी सामने आ रहे हैं। फिलहाल, मामले बड़ी संख्या में सामने नहीं आए हैं। ऐसे में इनपर शोध शुरुआती स्तर पर है।

Source : Livehindustan

 

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